एक क्षेत्र में स्थिर विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र उपस्थित हैं। चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= B _{0}(\hat{i}+2 \hat{j}-4 \hat{k})$ है। यदि एक परीक्षण आवेश, जिसका वेग $\vec{v}=v_{0}(3 \hat{i}-\hat{j}+2 \hat{k})$, पर कोई बल नहीं लगता है तो इस क्षेत्र में SI मात्रकों में विद्युत क्षेत्र होगा

  • [JEE MAIN 2017]
  • A

    $\vec E =  - {v_0}{B_0}\left( {3\hat i - 2\hat j - 4\hat k} \right)$

  • B

    $\vec E =  - {v_0}{B_0}\left( {\hat i + \hat j + 7\hat k} \right)$

  • C

    $\vec E = {v_0}{B_0}\left( {14\hat j + 7\hat k} \right)$

  • D

    $\vec E =  - {v_0}{B_0}\left( {14\hat j + 7\hat k} \right)$

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एक कैथोड किरणों के पुंज का वेग $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ है, यह एक स्थान जिसमें विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् हैं, प्रवेश करता है तथा अविक्षेपित निकलता है। यदि $| B |=0.02\; T$, हो तब विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

$100\, eV$ ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन जो $x$-अक्ष के अनुदिश गतिमान है, $\overrightarrow{ B }=\left(1.5 \times 10^{-3} \,T \right) \hat{ k }$ के चुम्बकीय क्षेत्र में बिन्दु $S$ पर प्रवेश करता है (चित्र देखिये)। चुम्बकीय क्षेत्र $x =0$ से $x =2 \,cm$ तक विस्तृत है। बिन्दु $S$ से $8 \,cm$ दूरी पर स्थित पर्दे पर इलेक्ट्रॉन का संसूचन बिन्दु $Q$ पर होता है। बिन्दु $P$ तथा $Q$ के बीच की दूरी $d$ (पर्दे पर) का मान $......\,cm$ होगा।

(इलेक्ट्रॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \,C$,
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.1 \times 10^{-31} \,kg$ )

  • [JEE MAIN 2019]

एक प्रोटॉन एवं एक अल्फा कण को अलग-अलग एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रक्षेपित किया जाता है। इन कणों के प्रारम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् हैं। यदि दोनों कण चुम्बकीय क्षेत्र के चारों ओर बराबर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगायें तो प्रोटॉन व अल्फा कण के संवेगों का अनुपात $\left( {\frac{{{P_p}}}{{{P_a}}}} \right)$ होगा

यदि कैथोड किरणों को किसी चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में प्रक्षेपित किया जाये तब उनका प्रक्षेप्य पथ है

विभवान्तर से त्वरित प्रोटॉन को चित्रानुसार एक अभिलम्बवत् $0.51\;T$ के चुम्बकीय क्षेत्र से गुजारा जाता है। प्रोटॉन अपनी प्रारम्भिक दिशा से ......$^o$ कोण $\theta $ से विचलित होगा